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रीढ़ की हड्डी और जोड़ों के दर्द मे कारगर है लेज़र, टेकार और स्पाईनल डिकम्प्रेशन थेरेपी - डॉ पाईवाल रीढ की हड्डी और जोड़ों के दर्द से परेशान मरीजों के लिये पैन एक्सपर्ट ने फिज़ियोथेरेपी की आधुनिकतम तकनीकों से राहत पाने के उपाय बताये । न्यू केशव नगर स्थित डॉ पाईवाल फिज़ियोथेरेपी क्लिनिक के पैन स्पेशलिस्ट डॉ गौरव पाईवाल ने बताया की आज के व्यस्त युग मे तकरीबन हर घर मे कमर या गर्दन दर्द और घुटने दर्द का कोई ना कोई मरीज हैं । हर 100 मे से 80 लोगों को कभी ना कभी कमर या गर्दन दर्द होता हैं । 80 मे से 60 को ये दर्द कुछ महीनो के बाद हाथ या पैर में झन्झनाहट या सुनन्ता के साथ बन जाता है । जोड़ों के दर्द मेँ सबसे कॉमन दर्द है, घुटनो मे ग्रीस खत्म होने या गेप आ जाने का दर्द । आजकल 50-55 साल की उम्र पार होते होते चालू हो जाते हैं । ये तीनो ही दर्द समय के साथ बढ़ते जाते है, दैनिक दिनचर्या को मुश्किल बनाते है तथा मरीज को सर्जरी के लिये सोचना पड जाता हैं । डॉ पाईवाल ने बताया की फिज़ियोथेरेपी की शाखा इलेक्ट्रोथेरेपी मे बिना भर्ती किये, बिना चीरे, चमडी के ऊपर से गहरे तक सेक करने वाली लेज़र और टेकार थेरेपी से कमर, गर्दन, घुटने और शरीर के हर जोड़ों और मांसपेशियों दर्द को लगभग पुरा भरा जा सकता है । ये किरणे मरीज के शरीर मे अन्दर तक जाकर दर्द वाले उत्तको को सुजान उतार कर ठीक होने मे मदद करती हैं। साथ ही दिया जाता है स्पाईनल डिकम्प्रेशन ट्रेकशन, जो दबी हुई गादी को खोलता है । यह ईलाज बिना ओप्रेशन किया जाने वाक सबसे आधुनिक और पुर्ण सुरक्षित ईलाज है । कुछ दिनो के सेक से दर्द मे लगभग पुर्ण आराम मिल जाता हैं ।